प्रधानमंत्री वन धन योजना से मिलेगा आदिवासी समुदाय को लाभ , जानें क्या योजना है

07-Apr-2025  10  Pooja Tiwari

Pradhan Mantri Van Dhan Yojana आदिवासी समुदाय के लिए शुरू की गई एक विशेष योजना है, जिसके तहत वनों की उपज के माध्यम से आदिवासी समाज को आर्थिक सहयोग और सामाजिक उन्नति का अवसर प्रदान किया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय क्षेत्र में वनों का सही उपयोग करके उनके जीवन स्तर को सुधारना और उनकी परंपरागत कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री वन धन योजना की शुरुआत भारत सरकार ने 2018 में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज की आजीविका के लिए वनों की उपज का सही उपयोग कर, उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना के तहत सरकार जनजातीय क्षेत्रों में वन धन केंद्र स्थापित कर रही है, जहाँ वनों से प्राप्त उत्पादों को आदिवासी समुदाय द्वारा संसाधित कर बाजार में बेचा जाएगा। इस योजना का संचालन आदिवासी क्षेत्रीय वन विभाग द्वारा किया जा रहा है।

सरकार का लक्ष्य है कि देशभर में लगभग 50,000 वन धन केंद्र स्थापित किए जाएं, जहाँ प्रत्येक केंद्र में 300 जनजातीय लोग शामिल हों। इसके माध्यम से आदिवासी समाज को वनों से आर्थिक लाभ प्राप्त करने में मदद मिल सकेगी और उनकी परंपरागत कला को भी संरक्षण मिलेगा।

प्रधानमंत्री वन धन योजना का उद्देश्य –
इस योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समाज को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय के स्रोतों को बढ़ाना है। वनों की उपज से आदिवासी समाज को आय प्राप्त होती है, लेकिन आधुनिक समय में वनों की कटाई के कारण उनकी आजीविका पर संकट आ गया है। इस योजना के माध्यम से सरकार वनों को संरक्षित कर उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में मदद कर रही है, ताकि आदिवासी समाज की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

साथ ही, इससे आदिवासी कला और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा, जो समय के साथ विलुप्त होती जा रही थी। वन उत्पादों की बिक्री से मिलने वाली आय से आदिवासी समाज अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकेगा और उनके पारंपरिक शिल्प और कलाओं को भी एक नया जीवन मिलेगा।

प्रधानमंत्री वन धन योजना के लाभ – 

  1. आदिवासी समुदाय को वनों की उपज के माध्यम से आय अर्जित करने का अवसर मिलता है।
  2. वनों के संरक्षण और विस्तार में मदद मिलती है, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा होती है।
  3. आदिवासी कला और शिल्प को बाजार में प्रदर्शित करने और बेचने का अवसर प्राप्त होता है।
  4. वनों से प्राप्त उत्पादों के लिए आधुनिक तकनीक और संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं।
  5. केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वन धन केंद्र को 15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

यह योजना 50,000 से अधिक वन धन केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखती है, जिससे लाखों आदिवासियों को रोजगार मिलेगा।


प्रधानमंत्री वन धन योजना के पात्रता –
प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें रखी गई हैं:

आवेदक भारत का निवासी होना चाहिए।

  1. आवेदक जनजातीय क्षेत्र से संबंधित होना चाहिए।
  2. आवेदक का वन्यवासी या आदिवासी होना अनिवार्य है।
  3. इसके लिए कोई विशेष आर्थिक स्थिति की शर्त नहीं है।
  4. आवेदक वन धन केंद्र के संगठन से जुड़ा होना चाहिए।

प्रधानमंत्री वन धन योजना के आवश्यक दस्तावेज – 
प्रधानमंत्री वन धन योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  1. आधार कार्ड
  2. आय प्रमाण पत्र
  3. जाति प्रमाण पत्र
  4. निवास प्रमाण पत्र
  5. पासपोर्ट साइज फोटो
  6. बैंक खाता विवरण
प्रधानमंत्री वन धन योजना के आवेदन प्रक्रिया – 
प्रधानमंत्री वन धन योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया बेहद सरल और सीधी है। आवेदन करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: अपने राज्य की सरकारी वेबसाइट पर जाएं और योजना से संबंधित आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें।
  2. आवेदन फॉर्म भरें: आवेदन फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें और उसमें मांगी गई जानकारी दर्ज करें।
  3. दस्तावेज संलग्न करें: आवेदन फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करें, जैसे कि आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि।
  4. फॉर्म जमा करें: फॉर्म भरने और दस्तावेजों को संलग्न करने के बाद, इसे वन धन योजना के नजदीकी केंद्र पर जमा करें।
  5. सत्यापन प्रक्रिया: आवेदन जमा करने के बाद अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाएगा। यदि आवेदन सही पाया गया, तो आपको योजना का लाभ प्राप्त होने लगेगा।
  6. संगठन में शामिल हों: सत्यापन के बाद, आपको वन धन केंद्र के संगठन समूह में जोड़ दिया जाएगा। इससे आप वनों की उपज से संबंधित व्यवसाय में जुड़ सकेंगे।

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