केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री, एच. डी. कुमारस्वामी ने कुछ गैर- मिश्र धातु और मिश्र धातु इस्पात उत्पादों के आयात पर 12 प्रतिशत सुरक्षा शुल्क लगाने के निर्णय का स्वागत किया। इस कदम से घरेलू इस्पात आयात में वृद्धि के बीच घरेलू उत्पादकों को राहत मिलेगी। यह बाजार में न्याय संगत प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए एक समयोचित एवं आवश्यक कदम है।
दुनिया में कच्चे स्टील के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक भारत ने कहा कि सोमवार से प्रभावी यह टैरिफ 200 दिनों के लिए लगाया गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा, इस अधिसूचना के तहत लगाया गया सुरक्षा शुल्क इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से दो सौ दिनों की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा (जब तक कि इसे पहले ही रद्द, प्रतिस्थापित या संशोधित नहीं कर दिया जाता है)।
कुमारस्वामी ने कहा कि “इस कदम से घरेलू उत्पादकों, विशेष कर छोटे एवं मध्यम उद्यमों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगा, जिन्हें बढ़ते आयातों के कारण अत्यधिक दबाव का सामना करना पड़ा है। सुरक्षा शुल्क बाजार को स्थिर रखने में मदद करेगा और घरेलू उद्योग के विश्वास को मजबूती प्रदान करेगा।”
कुमारस्वामी ने आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के साथ रणनीतिक क्षेत्रों को मजबूत करने में निर्णायक नेतृत्व प्रदान करने एवं निरंतर समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मंत्रालय सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे भारतीय इस्पात क्षेत्र मजबूत, आत्मनिर्भर एवं वैश्विक प्रतिस्पर्धी बना रहे।